दिनांक : 05.05.2020
नमस्कार साथियों |
साथियों
विद्यालय में शाला दर्पण सम्बन्धी जब भी कोई कार्य भी बात आती है तो बाकी साथियों
द्वारा अधिकांश यह सुनने को मिलता है कि ये काम तो शाला दर्पण प्रभारी करेगा| या
फिर ये सुनने को मिलता है कि मुझे तो यह काम आता ही नहीं है, या फिर ये भी सुनने
को मिल जाता है कि मुझे तो कम्प्यूटर आता ही नहीं है| अब ऐसे जवाब देकर अधिकांश
साथी कम्प्यूटर सम्बन्धी काम या यो कहें कि विशेष रूप से शाला-दर्पण सम्बन्धी काम
से बच जाते है| और बेचारा शाला-दर्पण
प्रभारी अपना मन मारकर और मजबूरी में शाला दर्पण सम्बन्धी काम करता रहता है| अगर वह
संस्था प्रधान से संपर्क करते है तो अधिकांश संस्था प्रधान भी उनकी बात नहीं सुनते
या फिर कुछ संस्था प्रधान सहानुभूति जताते हुए कहते है कि “यार अब ये लोग नहीं
करना चाहते तो उनके साथ जबरदस्ती नहीं कर सकते है| और अगर आप नही करोगे तो कौन करेगा
, काम अटक जायेगा या फिर आपके अलावा इस काम को अच्छी तरह से और कोई नहीं कर सकता |”
अब इस तरह का जवाब सुनकर शाला दर्पण प्रभारी (कम्प्यूटर
जानने वाले) चुप हो जाते हैं या फिर अपने आप को कोसते हुए सोचते है कि “मैंने यह
आफत क्यों मोल ली| मैं भी बाकी साथियों की तरह ही मना कर देता तो सही रहता |”
और बाकी
साथी “ बने रहो पगला , काम करेगा अगला” नीति का सहारा लेते हुए कामचोरी का आनंद लेते
है| बेचारा शाला दर्पण प्रभारी अकेला ही काम में लगा रहता है और परेशान ही रहता है|
अब एक तो शाला दर्पण का प्रभार, साथ में उसे कक्षा-अध्यापक भी बना दिया जाता है |
अब न तो वह विद्यार्थियों को ढंग से पढ़ा पाता है, और न ही वह खुश रहकर शाला दर्पण का
कार्य ही कर पाता है| हाँ कुछ लोग ऐसे भी
है जो अपनी इस जिम्मेदारी को बड़े आनंद के साथ निभाते है| परन्तु एक तो बात तो
अवश्य है कि इस तरह कार्य करने से अध्यापन कार्य अतो पक्का प्रभावित होता है|
पर मेरा
प्रश्न अब भी वहीं का वहीं है कि विद्यालयों में ये जो हो हा है क्या वह सही है ?
विद्यालयों में शाला-दर्पण चालू हुए कई वर्ष हो गए परन्तु विभाग द्वारा इसके सञ्चालन और प्रभारी के दायित्वों को लेकर
कोई स्पष्ट गाइडलाइन जारी न करने के कारण इस विषय को लेकर या तो मतभेद होते रहते
है या फिर शाला दर्पण का काम अधूरा पड़ा
रहता है| और हमारे अधिकारी आदेश पर आदेश निकालते रहते है कि प्रभारी को प्रतिदिन
शाला दर्पण चेक करना चाहिए वगैरह वगैरह| कई बार तो इस चक्कर में बेचारे प्रभारी को
नोटिस भी मिल जाते है|
परन्तु साथियों
में आपसे पूछना चाहूँगा कि ये जो सब होता है क्या वह सही है? क्या इस विषय में कोई
गाइडलाइन जारी नहीं होनी चाहिए| क्या संस्था प्रधान को शाला दर्पण के कार्य हेतु
विद्यालय स्तर पर कोई सुचारू व्यवस्था लागू नहीं करनी चाहिए ? अगर आप एक सच्चे शिक्षक है तो आपका उत्तर हाँ में
होगा |
सुझाव:
विद्यालय में
शाला दर्पण के कार्य को लेकर मेरे कुछ सुझाव है , अगर आप मेरे सुझावों से सहमत है
तो कमेन्ट करके जरुर बताये:-
1.
जिस
प्रकार विद्यालय का प्रभारी संस्था प्रधान होते है और वे केवल विद्यालय की मोनिटरिंग
करते हुए विद्यालय के अन्य साथियों की
सहायता से विद्यालय का सफल सञ्चालन करते है , वैसे ही शाला दर्पण प्रभारी भी ऑनलाइन कार्यो का प्रभारी होता है और उसकी
सहायता हेतु एक कमेठी बनाई जानी चाहिए जिसमें एक शाला दर्पण प्रभारी हो , एक सह
प्रभारी हो जो प्रभारी की अनुपस्थिति में मोनिटरिंग करेगा, सभी कक्षाओ के कक्षा
अध्यापक उसके सदस्य हो , और अगर विद्यालय में कार्यालयी कमर्चारी है तो उनको भी
इसका सदस्य बनाया जाना चाहिए| (हो सकता है कि कुछ विद्यालयों में यह कमेठी बनाई भी
जाती हो, परन्तु मुझे लगता नहीं कि क्रियान्वयन ढंग से होता होगा|)
2. अब प्रभारी
शाला दर्पण सम्बन्धी समस्त कार्यो की मोनिटरिंग करें और सभी कक्षा अध्यापक अपनी
अपनी कक्षाओं के विद्यार्थियों सम्बन्धी समस्त कार्य करें|
3. इसके
अलावा कार्यालयी कर्मचारी विद्यालय के रिकॉर्ड सम्बन्धी कार्य सम्पन्न करें|
4.
प्रतिवर्ष
शाला दर्पण प्रभारी बदलने चाहिए |
5.
अगर कोई
कार्मिक द्वारा कम्प्यूटर न जानने या कोई कार्य नहीं आने का बहाना बनाया जाता है
तो उससे ये बात संस्था प्रधान द्वारा लिखित में लेनी चाहिए| ताकि कोई अनुशासनात्मक
कार्यवाही की जाये तो सुविधा हो | मेरे अनुसार को भी कार्मिक यह लिखकर नहीं देगा
कि मुझे कम्प्यूटर नहीं आता या मुझे ये काम नहीं आता क्योंकि सभी कर्मचारियों
द्वारा RSCIT कोर्स करना अनिवार्य है| अगर किसी ने नहीं किया हो तो उन्हें कोर्स
करने के लिए कहा जाएँ|
6. विभाग
द्वारा शाला दर्पण के स्टाफ कोर्नर की तरह ही शाला दर्पण पर कक्षा-अध्यापकों के लिए अलग से
login सुविधा लागू की जानी चाहिए |
7. संस्था
प्रधान को कार्य का विभाजन समान रूप से सभी कार्मिकों में करना चाहिए| और जिनको
कार्य नहीं आता उन्हें कार्य सीखाया जाना चाहिए|
8.
इनके
अलावा भी कुछ सुधार किये जा सकते है| अगर आपके मन भी इसक विषय में कोई सुझाव है तो
कमेन्ट जरुर करें|
धन्यवाद |
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